नए रास्तों पर

"रास्ते हमेशा मेरी आत्मा को आवाज़ देते हैं, और पहाड़ों की बुलाहट मुझे कहीं न कहीं अपने भीतर के खोए हुए हिस्से से मिलवाती है। घुमक्कड़ी का हर कदम नए रहस्यों और अनदेखे दृश्यों की ओर ले जाता है, जहां हर मोड़ पर एक नया सवाल, एक नई खोज होती है। पहाड़ों की ऊँचाइयाँ न केवल शारीरिक यात्रा का अनुभव कराती हैं, बल्कि यह हमारे भीतर की अनजानी ऊँचाइयों तक पहुँचने का भी आह्वान करती हैं। इन अनमोल रास्तों पर चलते हुए, मन में एक अजीब सा ख्याल उभरता है- क्या हम जो देख रहे हैं, वही हम हैं, या फिर हर कदम हमें अपने असल रूप से और करीब ले आता है?"








अंत में:
"अब, जब इस यात्रा के अंत को देखता हूँ, तो महसूस होता है कि यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। हम केवल नए रास्तों पर चलते हैं, लेकिन वही रास्ते हमें खुद के भीतर की गहराई से मिलवाते हैं। हर पहाड़, हर मोड़, और हर कदम ने मुझे अपनी असल पहचान से परिचित कराया। यह यात्रा भौतिक दुनिया की सीमाओं से परे थी; यह एक आंतरिक यात्रा थी, जिसमें मैं स्वयं को नए दृष्टिकोण से समझने की कोशिश करता रहा। जब भी रास्ते खत्म होते हैं, एक नई शुरुआत इंतजार करती है - और शायद, यही यात्रा का असली अर्थ है।"

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