श्री देव सुमन जी की पुण्यतिथि पर:
84 दिन लंबी भूख हड़ताल के शहीद श्री देव सुमन का जन्म उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के बमुंड पट्टी के ग्राम जौल में 25 मई 1915 को हुआ था। इनके पिता का नाम हरिराम बडोनी और माता का नाम श्रीमती तारा देवी था मात्र तीन वर्ष की छोटी सी उम्र में उनके सर से पिता का साया उठ गया। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही विद्यालय से की और टिहरी से मिडिल पास किया। 1930 में सुमन जी ने मात्र 14 वर्ष की उम्र में "नमक सत्याग्रह" आंदोलन में भाग लेकर साबित कर दिया था कि उनके अंदर देश प्रेम की भावना किस हद तक भरी हुई थी। 1932 में देहरादून में वह अध्यापक बने। "सुमन गौरव" एक राष्ट्रीय कविता संग्रह प्रकाशित किया। साप्ताहिक हिंदू समाचार पत्र का संपादन शुरू किया। 1937 में शिमला हिंदी साहित्य सम्मेलन के कार्यकारी अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 1938 में जवाहर लाल नेहरू पौड़ी आए। उनकी सभा में सुमन जी ने दोनों टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल दोनों की अखंडता पर जोर दिया। 1939 में टिहरी रियासत में प्रजामंडल (रियासतों में कांग्रेस, प्रजामंडल के नाम से सक्रिय थी) की स्थापना के बाद सक्रिय सदस्य ब...